अनुदेशात्मक कक्षाएं

 

शिक्षणं हि अनुभवः, न केवलं संसूचनम्

प्रौद्योगिकी-सक्षम अधिगम के लिए शैक्षिक आचरण और प्रतिमान के आधार पर एक नई शिक्षापद्दति और अनुकूलित वर्गीकरण की आवश्यकता होती है जो प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के साथ बदल रही है। प्रभावी अधिगम हेतु प्रौद्योगिकी अपनी विभिन्न विशेषताओं के साथ कंटेंट वितरण के बढ़िया मिश्रण के लिए मंच प्रदान करती है। अनुदेशात्मक अध्ययन जैसी अवधारणाएं एक ऐसा शैक्षणिक दृष्टिकोण है जिसने कक्षा-आधारित अधिगम की पारंपरिक धारणाओं का क्रम-भंग किया है, जिससे छात्रों को कक्षा से पूर्व ही शैक्षिक सामग्री से परिचित कराया जाता है। तत्पश्चात कक्षा का समय सहपाठियों के साथ चर्चा और समस्या-समाधान गतिविधियों के माध्यम से समझ को और गहराई देने के लिए प्रदान किया जाता है जो की शिक्षा के आदान-प्रदान हेतु एक अनूठे वातावरण का निर्माण करते हैं।

आज हमें यह आवश्यकता है कि एक ऐसे समकालिक शिक्षण प्रक्रिया को डिजाइन किया जाए जिससे कि सीखने के परिणामों और निर्देशों के सिद्धांतों की करबद्धता का आश्वासन दिया जा सके। दुनिया प्रतिदिन नए नवाचारों / तरीकों और ज्ञान की प्रस्तुति तथा अध्ययन के नए तरीकों के साथ आगे बढ़ रही है। प्रौद्योगिकी अब पारंपरिक शिक्षण को समृद्ध करने के लिए और हमें नए युग के कंटेंट के डिजाइन और विकास के लिए पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करने हेतु तैयार है। सीईसी एलएमएस में जो संकल्पना तैयार की जा रही है वह अवधारणा वर्गों, कौशल पहल कक्षाओं और कक्षा-से-परे वृत्तचित्रों के रूप में डिजिटल कंटेंट का एक अद्वितीय मिश्रण है। सीईसी शिक्षाशास्त्र में इस मिश्रण को आउट-क्लास सामग्री माना जाता है, जिसे सीईसी द्वारा डिज़ाइन और विकसित किए गए ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से इन-क्लास सामग्री में परिवर्तित किया जा रहा है। शिक्षार्थियों को इन-क्लास से आउट-क्लास में जाने से एकरसता को तोड़ने में और संदेह को स्पष्ट करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही वह विषय विशिष्ट वृत्तचित्रों का भी आनंद ले सकते हैं।